तुमने तो कहा था, कभी साथ ना छोड़ोगे।
मगर जब वक़्त बदला, तो हाथ छुड़ा लिया।
तुमने तो कहा था, कि तुम मेरी पहचान हो।
मगर भरी महफ़िल में, मुझे अजनबी बता दिया।
तुमने तो कहा था, मेरी वफ़ा पे शक ना करो।
मगर बेदर्दी से मुझे छोड़, गैर को अपना लिया।
तुमने तो कहा था, मोहब्बत तुमसे सीखी है।
मगर मेरे प्यार को, मेरी भूल बता दिया।
तुमने तो कहा था, इंसानियत मर चुकी है।
तुमने खुद ही इसे, साबित करके दिखा दिया।